मध्य प्रदेश के निजी स्कूलों के विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों के लिए शिक्षा के क्षेत्र में नई चुनौतियों का सामना है। सीएम डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में निजी स्कूलों की मनमानी पर संज्ञान लिया है, जहां शिक्षा सामग्री, यूनिफॉर्म, और किताबें निर्धारित दुकान पर ही मिल रही हैं। इसके परिणामस्वरूप, अभिभावकों को दामों में वृद्धि और खास दुकानों में खरीदने के लिए लाइन लगाने की मजबूरी का सामना करना पड़ रहा है।
इस संदर्भ में, स्कूल शिक्षा विभाग ने सभी जिला कलेक्टरों को निर्देशित किया है कि मध्य प्रदेश निजी विद्यालय फीस अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाए। यह अधिनियम स्कूल संचालकों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की संभावना लाता है, जो अभिभावकों को निर्धारित दुकानों से शिक्षा सामग्री, यूनिफॉर्म, और किताबें खरीदने के लिए दबाव बना रहे हैं।
यहां तक कि अधिनियम में उन पर लगने वाले जुर्माने की भी धारा शामिल है।इस नए दिशा-निर्देश के बावजूद, कई निजी स्कूलों ने अभी भी शिक्षा सामग्री, यूनिफॉर्म, और किताबें निर्धारित दुकान पर ही उपलब्ध कराने का क़ानून का उल्लंघन किया है। यह स्थिति स्कूल शिक्षा विभाग को नए निर्देश जारी करने के लिए मजबूर कर रही है, जिसका उद्देश्य है शिक्षा के क्षेत्र में न्याय और समानता की स्थापना करना।