नगर के चीचली थाना क्षेत्र के विभिन्ना् गावों में सट्टे का अवैध कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। नगर में सट्टे के काले काम को मनोज द्वारा संचालित किया जा रहा है। मनोज सट्टा किंग को लोगों ने यह कहते हुए भी सुना है कि उसका सट्टे का व्यापार चीचली तक ही सीमित नहीं है बल्कि अन्य गावों तक फैला हुआ है। चीचली का सट्टे का मकड़जाल चीचली व सुखाखेरी के गांव-गांव में फल-फूल रहा है।
सूत्रों के मुताबिक सट्टा किंग के हौसले बुलंद हैं। इस काम में स्थानीय लोग भी शामिल हैं। सट्टे के अवैध कारोबार को खुलेआम संचालित करने से पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठ रहे हैंस्थानीय पुलिस के अनदेखे कार्रवाई के मामले में, पुलिस अधीक्षक द्वारा कई ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं। चिंताजनक रूप से, स्थानीय पुलिस ने इस मामले में कोई कठोर कार्रवाई नहीं की है, जिसे समुदाय ने ख़ुलेआम बताया है।पुलिस अधीक्षक ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए कई ऑपरेशन आयोजित किए हैं, लेकिन स्थानीय पुलिस की कोई दृढ़ कार्रवाई नहीं देखी गई है।
यह मामला समुदाय के बीच चिंता का विषय बन गया है, जबकि खबरों द्वारा अधिकारियों का ध्यान आकर्षित किया जाता है।चीचली के कई इलाकों में सट्टे का कारोबार खूब जमकर परवान चढ रहा है। जिसके चलते सट्टा खाईवाल की तादात बढ़ती जा रही है। पुलिस अधिकारियों की अनदेखी से शहर में युवा पीढ़ी भी सट्टा बाजार में खाईवाल द्वारा दिखाएं जाने वाले रंगीन सपनों के जाल में फंसते जा रहे। नतीजा यह होता है कि जुआ ओर सट्टे के परिणाम को जानकर भी इस गलत लत में बड़े दलालो के जाल में फस जाते है,
जिसके कारण कई घर परिवार बनने से पहले बिखर जाते है।प्राप्त जानकारी के अनुसार शहर मे सट्टे के बड़े दलाल क्षेत्र में अपनी नींव जमाकर लंबे समय से सट्टा बाजार में अपना जाल फैलाते जा रहे हैं। खासकर चीचली के मेन बाजार, खिरका मोहल्ला, पानी टंकी के पास बस स्टेंड आदि इलाकों में लंबे समय से सट्टा के खाईवाल ओर दलालो के जमावड़े लगे रहते है। इन इलाकों में बड़े पैमाने पर जुआ व सट्टा का खेल जोरो पर चलने के कारण कई बड़े बुकी अपना जाल फैला कर धड़ल्ले से काम कर रहे हैं।इसी के साथ आस पास के गाँव इलाकों मे भी यह कारोबार निरंतर जारी है। यहां हर हजारों लाखों के दांव लगाए जाते देखे जा सकते हैं।
इस दांव में बुजुर्ग से लेकर युवा वर्ग लिप्त है। जिस तेजी से सट्टे का बाजार हर उम्र के तबके में बढ़ता जा रहा है। पुलिस प्रशासन के रोकथाम नहीं कर पा रही हैं। शहर पुलिस सट्टे के खिलाफ सिर्फ दिखावे की कार्रवाई करती है। सौ से डेढ सौ रुपए मात्र के साथ एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर खाना पूर्ति करती है। लेकिन बड़े खाईवालों तक पुलिस के हाथ नहीं पहुंच रहें हैं, जबकि बड़े रसूखदार जुआ व सट्टे व दलालो पर पुलिस की नजर नही पड़ती है। जिसके कारण चारो ओर सट्टे का करोबार बढ रहा है। सटोरिये लगातार सक्रिय है।