गाडरवारा में हर्षोल्लास से मनाई गई ईद उल अज़हा

गाडरवारा में मुसलमान समुदाय ने हर्षोल्लास और धूमधाम से ईद उल अज़हा का त्योहार मनाया। इस पावन अवसर पर लोगों ने ईदगाह मे 8-30 पर जामा मस्जिद, मदीना मस्जिद, छोटी मस्जिद मे भी नमाज अदा की, उसके बाद कुर्बानी का सिलसिला शुरू हुआ और एक-दूसरे को मुबारकबाद दी। गाडरवारा में आज ईद उल अज़हा का त्योहार धूमधाम से मनाया गया। स्थानीय मस्जिदों में सुबह की नमाज अदा करने के लिए बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा हुए।

विशेष नमाज के बाद सभी ने एक-दूसरे को गले लगाकर ईद की मुबारकबाद दी।नमाज के बाद लोगों ने ईद उल अज़हा की परंपरा के अनुसार एक दूसरे से गले मिल कर ईद की मुबारकबाद दी और साहिबे हैसियत लोगो ने घरों मे कुर्बानी दी। गाडरवारा के लोगों ने ईद के मौके पर गरीबों और जरूरतमंदों को दान दिया और उनके साथ खुशियां बांटी। ईद उल अज़हा के इस पावन अवसर पर गाडरवारा में शांति और सद्भाव का माहौल बना रहा।ईद उल अज़हा मुस्लिम समुदाय के लिए बहुत खास है। इस दिन हम अल्लाह की राह में कुर्बानी देते हैं और गरीबों की मदद करते हैं। इससे हमें त्याग और बलिदान का महत्व समझ में आता है।

“ईद उल अज़हा का महत्व:”

जामा मस्जिद पेश इमाम हाफ़िज़ कारी ज़ुबैर आलम साहब ने बताया ईद उल अज़हा, जिसे ‘बकरीद’ भी कहा जाता है, इस्लाम धर्म का एक प्रमुख त्योहार है। यह त्योहार इस्माइल (अलैहि सलाम) के प्रति इब्राहिम (अलैहि सलाम) की कुर्बानी की याद में मनाया जाता है। इस दिन, मुसलमान अपने पालतू जानवरों की कुर्बानी देकर उस महान बलिदान को याद करते हैं।ईद उल अज़हा का मुख्य उद्देश्य त्याग, बलिदान और अल्लाह के प्रति अटूट विश्वास का संदेश देना है।

कुर्बानी के बाद मांस को तीन भागों में बांटा जाता है: एक हिस्सा परिवार के लिए, दूसरा दोस्तों और रिश्तेदारों के लिए, और तीसरा जरूरतमंदों और गरीबों के लिए। इससे समाज में आपसी भाईचारा और प्रेम बढ़ता है।गाडरवारा में इस पावन त्योहार का जश्न शांति और सद्भाव के साथ मनाया गया, जिससे यह संदेश मिलता है कि त्याग, बलिदान और सेवा की भावना से ही समाज में सच्चा सुख और समृद्धि आती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!