Shardiye Navratri 2024 की शुरुआत आज से हो चुकी है। इस बार मां दुर्गा पालकी पर सवार होकर आ रही हैं, जिसका ज्योतिषीय दृष्टिकोण से विशेष महत्व है। ज्योतिषाचार्य वान्या आर्या के अनुसार, मां दुर्गा का पालकी पर सवार होकर आना कुछ विपत्तियों और आर्थिक संकटों की ओर संकेत करता है, लेकिन यह समय ध्यान, आराधना और आत्मशुद्धि के लिए अत्यंत शुभ होता है। नवरात्रि के इस पावन काल में सच्चे मन से मां दुर्गा की पूजा-अर्चना करने से असीम फल की प्राप्ति होती है।
मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा और भोग:
1.मां शैलपुत्री: साहस की देवी मानी जाती हैं। उन्हें शुद्ध देसी घी से बनी मिठाई का भोग चढ़ाएं।
2.मां ब्रह्मचारिणी: पवित्रता की देवी हैं। उन्हें गुड़हल का फूल, शक्कर और पंचामृत का भोग अर्पित करें।
3.मां चंद्रघंटा: शांति की देवी मानी जाती हैं। उन्हें केसर की खीर, मिश्री, शहद और पंचामृत का भोग लगाएं।
4.मां कुष्मांडा: समृद्धि की देवी हैं। इन्हें हरे रंग की मिठाई और मालपुए के साथ चमेली के फूल अर्पित करें।
5.मां स्कंदमाता: सकारात्मकता की देवी मानी जाती हैं। उन्हें केले के व्यंजनों का भोग चढ़ाएं।
6.मां कात्यायनी: योद्धा की देवी मानी जाती हैं। उन्हें हल्दी की 3 गांठें और 11 पान के पत्ते अर्पित करें।
7.मां कालरात्रि: अंधकार का अंत करने वाली देवी हैं। उन्हें गुड़ से बने व्यंजन, नारियल और लाल वस्त्र अर्पित करें।
8.मां महागौरी: सुंदरता की देवी हैं। उन्हें 3 लौंग लाल कपड़े में बांधकर चढ़ाएं, साथ ही लाल रंग की चुनरी, बताशा और सिक्के अर्पित करें।
9.मां सिद्धिदात्री: इन्हें जगत जननी कहा जाता है। उन्हें चना, पूरी और खीर का भोग लगाएं।
मां दुर्गा के इन नौ रूपों की आराधना और पूजन से भक्तों को विशेष आशीर्वाद प्राप्त होते हैं और जीवन में शांति व समृद्धि का संचार होता है।