“मैं भी बाघ’’ और “हम हैं बदलाव’’ थीम पर सतपुड़ा टाइगर रिजर्व मढाई में अनुभूति कार्यक्रम किया गया आयोजन।

वन विभाग द्वारा अनुभूति कार्यक्रम के अंतर्गत स्कूली विद्यार्थियों को वन, वन्य-प्राणी एवं पर्यावरण संरक्षण के बारे में जानकारी दी गयी। मध्यप्रदेश ईको पर्यटन विकास बोर्ड के समन्वय से “मैं भी बाघ’’ और “हम हैं बदलाव’’ थीम पर प्रशिक्षण-सह-जागरूकता शिविर 12 जनवरी को आयोजित किया गया।

शिविर में शासकीय हायर सेकेंडरी स्कूल कामती सोहागपुर के छात्र-छात्राओं एवं शिक्षक-शिक्षिकाओं ने भाग लिया।अनुभूति कार्यक्रम के तहत स्कूली छात्र-छात्राओं को जंगल भ्रमण के लिए विनेका ले जाया गया।

वहां पर अधिकारियों की उपस्थिति में बच्चों ने पैदल ट्रैकिंग कर जंगल के वन्य जीवों और वनस्पतियों को नजदीक से जाना। बच्चों का उत्साह वन, वन्य- प्राणी एवं पर्यावरण के लिए सकारात्मक दिखाई दिया। प्रेरक राजेश पटेल द्वारा वन वन्यजीव एवं पर्यावरण संरक्षण और लाईफ मिशन से संबंधित जानकारी दी गई। अनुभूति की थीम “मैं भी बाघ” एवं “हम है बदलाव” की जानकारी छात्र-छात्राओं को दी गई। सतपुडा टाईगर रिज़र्व के प्ररेक राजेश पटेल ने छात्र छात्राओं को वनस्पतियों, जीव जंतुओं,के बारे जानकारी दी। जंगल सफारी के दौरान बच्चे उसे टाइम खुशी से झूम उठे जब उन्हें एक साथ 4 टाईगर दिखाई दिए। इसमें नर मादा के साथ 2 शावक थे ।जिन्हें देख बच्चो ने काफी उत्साहित दिखाई दिए। इस अनुभूति शिविर में हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत शामिल हुए। उन्होंने बच्चो को प्रकृतिक सौन्दर्यता औऱ जीव जंतुओं को सरंक्षित करने के लिए प्रेरित किया।

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