विकासखंड शिक्षा अधिकारी की भ्रष्टाचार की खबर मीडिया में प्रकाशित होने के बाद जांच शुरू।

सोहागपुर/संवाददाता:- शेख आरिफ।

सूत्रों के अनुसार विकासखंड शिक्षा अधिकारी द्वारा बेधड़क तरीके से पैसे की मांग की जाती है।

शासकीय कर्मचारी कि भविष्य निधि जो उसके वेतन से प्रतिमाह काटी जाती है जब वह सेवानिवृत्ति होता है तब वह राशि उसे एक मुस्त प्राप्त होती है जिससे कि वह रिटायरमेंट के समय या आवश्यकता पड़ने पर उस राशि निकालकर उपयोग कर सके।

सेवानिवृत शिक्षक गोपाल सिंह कुशवाहा ने जांच के दौरान अपने बयान में कहा कि 6 महा से अपनी हक की राशि प्राप्त करने के लिए परेशान हो रहा हूं, पूर्व में भी बीईओ साहब को 16000 रुपये दे चुका हु, और अभी भी वह 4000 रुपयों की की मांग कर रहे हैं। सेवानिवृत शिक्षक कहना है की मेरे द्वारा इस संबंध में 181 पर भी कंप्लेंट दर्ज कराई गई थी, एवं मीडिया का सहयोग भी लिया गया था। उन्होंने कहा की इस प्रकार बहुत से रिटायरमेंट शिक्षक अभी पेंशन बनने की राह देख रहे हैं ।

इस प्रकरण एवं एक अन्य प्रकरण में विकासखंड शिक्षा अधिकारी के खिलाफ जिला शिक्षा अधिकारी नर्मदा पुरम द्वारा त्वरित कारवाही करते हुये जांच टीम गठित की गई, समाचार लिखे जाने तक जांच टीम द्वारा दोनों प्रकरणो से जुड़े दस्तावेजों का निरीक्षण किया जा रहा था, एवं सेवानिवृत्त शिक्षक और अन्य शिक्षकों के लिखित बयान दर्ज किये जा रहे थे। अब देखना यह है कि वाकई विकासखंड शिक्षा अधिकारी के खिलाफ कारवाही होती है या फिर मामले में लीपा-पोती कर दी जाएगी।

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