सतपुड़ा टाइगर रिजर्व की स्थानीय सलाहकार समिति की बैठक आयोजित।

इको सेंसिटिव जोन के सीमांकन एवं बफर जोन के संबंध में हुई चर्चा की गई, एवं पर्यटन गतिविधि को बढ़ावा देने के लिए विधायक गणों ने अपने-अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिए।

नर्मदापुरम // सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के बफर क्षेत्र में विकसित की गई नवीन पर्यटन गतिविधियों से रोजगार सृजन एवं आय प्राप्ती के संबंध में तथा इको सेंसेटिव जोन के सीमांकन के संबंध में चर्चा हेतु सोमवार को बोरी अभ्यारण सीमा के नजदीक ग्राम छिमडी में सतपुड़ा टाइगर रिजर्व नर्मदा पुरम की स्थानीय सलाहकार समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में जुन्नारदेव विधायक श्री सुनील उइके, सोहागपुर विधायक श्री विजयपाल सिंह, पिपरिया विधायक श्री ठाकुर दास नागवंशी,नर्मदापुरम संभाग आयुक्त श्री कृष्ण गोपाल तिवारी,कलेक्टर नर्मदा पुरम सुश्री सोनिया मीना, कलेक्टर बैतूल श्री नरेंद्र सूर्यवंशी,क्षेत्र संचालक सतपुड़ा टाइगर रिजर्व श्रीमती राखी नंदा सहित संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

इको सेंसेटिव जोन के सीमांकन के संबंध में क्षेत्र संचालक श्रीमती राखी नंदा ने बताया कि अनुविभागीय अधिकारी राजस्व सोहागपुर एवं पिपरिया तथा समस्त सहायक संचालक सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के द्वारा संयुक्त रूप से सीमांकन की कार्रवाई प्रचलित है। विधायक गणों ने इको सेंसेटिव जोन के सीमांकन के संबंध में कहां की इसके अंतर्गत कितने गांव शामिल है एवं राजस्व ग्राम एवं इको सेंसेटिव जोन कहां तक है इको सेंसेटिव जोन से क्या राजस्व गांव का कोई नुकसान होगा के संबंध में जानकारी मांगी। क्षेत्र संचालक ने बताया कि 2017 में इको सेंसेटिव जोन का नोटिफिकेशन जारी किया गया है। इको सेंसेटिव जोन बनाने का मुख्य उद्देश्य ऐसे क्षेत्र में कोई भी कमर्शियल निर्माण के कार्य को ना करना शामिल है।

उन्होंने कहा कि आगामी बैठक में इको सेंसेटिव जोन के संबंध में विस्तृत प्रतिवेदन प्रस्तुत की जाएगी एवं उसमें कितने गांव शामिल है के संबंध में भी जानकारी दी जाएगी। बताया गया कि इको सेंसेटिव जोन के रिवीजन के चांस कम है। नर्मदा पुरम कमिश्नर श्री कृष्ण गोपाल तिवारी ने कहा की बाउंड्री के संबंध में सभी जनप्रतिनिधियों को विस्तार से जानकारी दी जाए। कलेक्टर सोनिया मीना ने कहां की 2015 का सर्कुलर है। लेकिन अभी तक इस पर विस्‍तृत कार्य नहीं हुआ है।एसडीएम और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के सहायक संचालक निरंतर इस पर वर्क कर रहे हैं।एसडीएम ने कई समस्याएं बताई है।

दो-तीन विषयों पर क्लीयरेंस लेना है।सुरक्षित क्षेत्र एवं बफर जोन में कुछ विसंगतियां हैं।आबादी एरिया के 100 मीटर तक का ही हिस्सा लेना है,जबकि गांव कुछ गांव आबादी रहित है तो कुछ में आबादी हैं।इको सेंसेटिव जोन के समीप जो राजस्व ग्राम है उनके संबंध में भी जनप्रतिनिधियों से विस्तृत रूप से चर्चा की जाएगी और जानकारी दी जाएगी।

सोहागपुर विधायक श्री विजयपाल सिंह ने कहा कि कुछ गांव 5 से 6 साल पहले विस्थापित हो चुके हैं लेकिन आज भी उन्हें सही तरीके से खेती करने नहीं दिया जा रहा है और ना ही मुआवजा दिया गया है। उन्होंने कहा कि विस्थापित ग्राम के निवासियों को जल्द से जल्द मुआवजा दिया जाए एवं उन्हें अन्यत्र व्यवस्थित रूप से बसाया जाए। बताया गया की 2004 से अब तक 49 ग्राम विस्थापित हुए हैं।

विधायक श्री विजयपाल सिंह ने कहा की मढई क्षेत्र में होटल का निर्माण कार्य किया जा रहा है। उन्होंने इसे रोकने की मांग की। पिपरिया विधायक श्री ठाकुरदास नागवंशी ने कहा की पिपरिया विधानसभा क्षेत्र में छोटी अनहोनी में प्राकृतिक गर्म पानी का कुंड है उन्होंने इसे पर्यटन क्षेत्र के रूप में विकसित करने की मांग की और कहां की इसके लिए विधायक निधि से भी आवश्यक राशि देने के लिए वे तैयार है। उन्होंने पचमढ़ी स्थित बी फाल पर असामाजिक तत्वों द्वारा टब लगाकर कार्य करने को सख्ती से रोकने की मांग की।बताया गया कि पचमढ़ी के धूपगढ़ में सतपुड़ा टाइगर रिजर्व द्वारा कैंटीन प्रारंभ कर दिया गया है। विधायक श्री विजयपाल सिंह ने छोटा सुपलई ग्राम में सड़क बनाने की मांग की।

क्षेत्र संचालक श्रीमती राखी नंदा ने बताया कि स्थानीय समुदायों के सदस्यों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए पर्यटन उद्योगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। बरगोदी बफर जोन में सफारी एवं पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाया गया है और 3 वर्षों में हजारों की संख्या में पर्यटक यहां पर आकर पर्यटन का लुफ्त उठा चुके हैं। चूरना के धपाड़ा में पर्यटन सुविधा हेतु पर्यटन विभाग द्वारा नियम अनुसार पर्यटन गेट तैयार किया गया है। बोरी अभ्यारण के बफर क्षेत्र (टापू चूल्हा खो) में प्रातः एवं सायं सूर्योदय एवं सूर्यास्त का दर्शन कराने का कार्य किया जा रहा है।

इससे पर्यटक बहुत बडी संख्या में यहां पहुंच रहे हैं।पर्यटन कार्य में लगे गाइडों एवं वाहन चालकों को भी समय-समय पर प्रशिक्षण दिया जाता है।बताया गया कि देनवा तथा तवा नदी में प्राइवेट वोट सफारी चलाने की अनुमति जिन आवेदन को द्वारा नियमानुसार मांगी गई है उन्हें अनुमति दी जा सकती है। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के पचमढ़ी में स्थित होटल लॉज से निकलने वाले कचरा को पचमढ़ी केंट एवं साडा द्वारा निष्पादित किया जा रहा है।

चूरना एवं मल्लूपुरा पर्यटन क्षेत्र का व्यापक प्रचार प्रसार करने के लिए मध्य प्रदेश पर्यटन निगम के माध्यम से साइनेज बोर्ड लगवाए गए हैं। श्रीमती राखी नंदन ने बताया कि पर्यटन के क्षेत्र में नवीन गतिविधियां विकसित करने एवं उसके माध्यम से रोजगार सृजन का भी लगातार प्रयास किया जा रहा है।इसके तहत बफर क्षेत्र सतधारा में पैदल एवं साइकलिंग सफारी कैंपिंग के कार्यक्रम आयोजित किए जाते रहे हैं।देलाखारी तामिया में वाहन सफारी,बरगोंदी में साइकिल एवं रात्रि वाहन सफारी,जमानी देव,परसा पानी एवं बिनेका में कैंपिंग,मचान से वन्य प्राणी दर्शन एवं तारामंडल का अवलोकन कराया जा रहा है। साथ ही कपिलधारा में मचान से वन्य प्राणियों के दर्शन की व्यवस्था की गई है।

अब तक 67 युवाओं को गाइड का प्रशिक्षण दिया गया है।24 युवाओं को नाविक प्रशिक्षण एवं 71 युवाओं को इंग्लिश गाइड की ट्रेनिंग सफलतापूर्वक दी गई है।सतपुड़ा टाइगर रिजर्व अंतर्गत पर्यावरण संरक्षण एवं वन्य प्राणी सुरक्षा के दृष्टिगत पर्यटन स्थलों पर पॉलिथीन सामग्री, पानी की बोतल एवं अन्य रोक लगाई गई है और इसके साथ ही अन्य वैकल्पिक कपड़े एवं कागज की थैली को बढ़ावा दिया जा रहा है।जुन्नारदेव विधायक सुनील उईके ने कहां की अगली बैठक सांगा खेड़ा में कर वहां पर बफर जोन में व्याप्त व्यवस्थाओं का सभी अवलोकन करें। बैठक में मप्र तैराकी संघ के अध्यक्ष श्री पियुष शर्मा, श्री अरुण शर्मा, सोहागपुर एसडीएम श्री असवन राम चिरावन, जुन्नारदेव एसडीएम कामिनी ठाकुर, अधिवक्ता श्री संजय लेडवानी, श्री कमल धूत, श्री संजीव शर्मा आदि अधिकारी गण उपस्थित रहे।

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